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Showing posts from May 16, 2019

Pre-Poll Violence in bengal a Tail of Power

पहले ममता के गुण्डे अमित शाह की रैली पर हमला करते हैं और बाद में अमित शाह का कैडर ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति तोड़कर बंगाल को अस्थिर करने की कोशिश करते हैं। जैसा कि दोनों पार्टियाँ एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। इन चुनावों में बंगाल ने मौतें भी देख ली हैं। कांग्रेस का कार्यकर्ता मारा जा चुका है। कहानी क्या है, ये बताने से पहले एक शेर सुनाते हैं शायर हैं - अभिषेक शुक्ला - उससे कहना कि धुआँ देखने लायक होगा आग पहने हुए जाऊँगा मैं पानी की तरफ़ बंगाल की मुसीबत ये है कि यहाँ कोई भी पानी नहीं। आग, आग की तरफ बढ़ रहा है। इसलिए केवल धुआँ उठने का सवाल पैदा ही नहीं होता। ये समय बंगाल के तबाह होने का समय है। लोकतंत्र को बचाने की गुहार लगाती हुई ममता और अमित शाह दोनों मिलकर लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं। बंगाल की राजनीति हिंसा के साये में पली-बढ़ी। दशकों तक लेफ्ट पार्टियों का शासन बंगाल में रहा। लेकिन सिंगूर और नंदीग्राम के बदौलत ममता ने 2011 में वामपंथियों से बंगाल छीन ली। 2014 में ममता लोकसभा में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनी। मजबूत जनाधार, वक्तृत्व कौशल और संख्याबल के बूते ममता उस कतार में