क्या भारत बिना शिक्षा के विश्व गुरु बन सकता है? अगर ऐसा नहीं तो फिर उच्च शिक्षा को हर दिन महंगा क्यों किया जा रहा है? ये जानते हुए कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बड़ी संख्या में छात्र उच्च शिक्षा हासिल करने से पहले ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। क्या इससे ये मान लिया जाए कि सरकार मान चुकी है कि हम वाट्सऐप यूनिवर्सिटी के जरिए ही लोगों को शिक्षित कर देंगे। ताजा उदाहरण नीट-पीजी की परीक्षा का है। यह भी पढ़ें: SSC GD - 2018 Protests - लाठीचार्ज में टूटा हाथ, अभ्यर्थी ने कहा - हाथ टूटा है, हौसला नहीं नीट का एंट्रेंस टेस्ट नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन यानी एनबीई करवाता है। पिछले साल जिन छात्रों ने इसका टेस्ट दिया उन्हें फार्म के लिए 3750 रुपए देने पड़े थे। इस बार जो छात्र इस टेस्ट में बैठना चाहते हैं उन्हें उसी परीक्षा के लिए 4250 रुपए देने पड़ेंगे। सिर्फ यही नहीं बल्कि इसबार जीएसटी लगा दिया गया है। इस टेस्ट में शामिल होने वाले छात्रों को जीएसटी भी चुकाना होगा। यानी समान्य और पिछड़े वर्ग के छात्र 5,015 रुपए एससी-एसटी के छात्र 3,835 रुपए जमा करने के बाद ...