लोकतंत्र आज नहीं मरी, लाश को कुछ लात और पड़े हैं महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस द्वारा सीएम पद का शपथ लेने के साथ ही लोकतंत्र की हत्या के संदेश सोशल मीडिया पर तैरने लगे। असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और न जाने क्या-क्या विशेषण इस घटना को दिए जा रहे हैं। लोकतंत्र की हत्या हुई कब? लोकतंत्र की हत्या हुई । ये ख़बर अब आम हो गई है। इसलिए इस ख़बर के अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना ज़रूरी हो गया है। ख़बर सुनते ही मन में आना चाहिए कि हत्या हुई तो हुई पर हुई कब? अब जब सवाल उठ ही गया तो अंदर तक गोता लगाना चाहिए। और अंदर तक गोता लगाने पर पता चलेगा कि लोकतंत्र की हत्या बहुत पहले ही हो चुकी थी। ये तो बर्फ़ के बीच रखी लोकतंत्र की लाश है जिसे देख-देख हम ख़ुश होते रहते हैं। कैसे हुई लोकतंत्र की हत्या? जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी, बिहर में राजद और जेडीयू, उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा - क्या ये गठबंधन ज़िंदा लोकतंत्र में स्वीकार्य होते? एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में तोड़ देने पर विपक्ष की लगभग चुप्पी क्या ज़िंदा लोकतंत्र में स्वीकार्य होता। लाखों युवाओं की बेरोज़गारी, अर...