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Showing posts from November 26, 2019

Who is at risk from the constitution?

किसे है संविधान से ख़तरा?   चुने हुए प्रतिनिधियों को होटल की चाहरदीवारी में क़ैद करके रखे जाने का ट्रेंड लगभग स्थापित हो गया है। सरकार बनाने से पूर्व   खरीद-फ़रोख़्त  को चाणक्यगिरी कहना  नयी बुद्धिमत्ता  हो गई है। संस्थानों का सरकार के हित में प्रयोग सामान्य समझा जाने लगा है।  गवर्नर और प्रेसीडेंट की छवि पूरी तरह से कठपुतली  वाली हो गई है। दलित घोड़ी चढ़े - तो पिटाई। महिलाएँ अपनी मर्ज़ी से कपड़े पहनें - तो बवाल। विद्यार्थी शिक्षा के लिए आवाज़ उठाएँ - तो हो हल्ला। एक्टिविस्ट्स  जन सरोकार  के मुद्दों पर सरकार की आलोचना करें - तो शोर-शराबा। ये माहौल  संविधान दिवस  को अधिक प्रासंगिक बना रहा है। संविधान  का अनुच्छेद 15 कहता है कि धर्म, नस्ल, जाति, लिंग और जन्मस्थान के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन वर्तमान राजनीति इन आधारों के साथ-साथ और बारीक आधार निकाल रही है विभाजन के लिए-बँटवारे के लिए। बँटवारा   अपने   चरम   पर पूर्वांचली, मराठा, गुजराती - जन्मस्थान के आधार पर इंसानों का वर्गीकरण आज़ादी के बाद अपने चरम पर है। हिंदुओं और मुस्लिमों का व