“उन्होंने हमारी लाइब्रेरी में घुसकर हिंसा की, हमने सड़क पर लाइब्रेरी बना ली। आप कभी भी जाकर देखिए सड़क पर आंदोलन के बीच स्टूडेंट्स पढ़ते हुए दिख जाएंगे। वो हमें मार-पीट सकते हैं पर हमारे हौसले को नहीं तोड़ सकते। पढ़ाई और लड़ाई साथ साथ चलेगी।” - जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के सामने चल रहे आंदोलन के दौरान जामिया के एक छात्र ने यह बात कही। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय परिसर में बच्चों के ऊपर बर्बर पुलिस अत्याचार की घटना को एक महीने से अधिक समय हो गया है। लेकिन इस घटना में न कोई एफआईआर लिखी गई है न ही कोई कार्रवाई हुई है। विवि प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस ने FIR नहीं लिखी है। विश्वविद्यालय प्रशासन की कोशिशें नाकाफी जामिया कोर्डिनेशन कमेटी की सफूरा ने कहा कि FIR दर्ज़ कराने के लिए जितनी कोशिशें विश्वविद्यालय प्रशासन की कोशिशें नाकाफी थीं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने 17 तारीख़ को पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज़ कराने को लेकर स्टूडेंट्स को आश्वस्त...