JNU - ...है उंगली कहीं, पर इशारा कहीं तो कौन ग़लत है - फीस हाइक के विरोध में खड़े जेएनयू के छात्र या उन छात्रों पर लाठीचार्ज़ करती पुलिस अगर आपके पास सामान्य बौद्धिक क्षमता भी है तो आप लाठीचार्ज़ करती पुलिस को ग़लत मानेंगे। तर्कों में विश्वास कम है और बौद्धिकता को अलविदा कह चुके हैं तो छात्र भी ग़लत दिख सकते हैं। पुलिस vs छात्रों की तस्वीर एक तरफ़ डंडे बरसाती पुलिस और दूसरी तरफ नारे लगाती छात्रों की भीड़ - इस तस्वीर में समाज के दो धड़ों को एक दूसरे का दुश्मन दिखाया गया है। जो बिग बॉस इस पूरे खेल को चला रहा है वो यही चाहता है कि समाज इन दो धड़ों में बँटे। क्योंकि जितना बँटवारा होगा, समाज उतना ही कमज़ोर होता चला जाएगा। और समाज की कमज़ोरी ही बिग बॉस की ताकत बनेगी। कैमरे पर बोलने से मना करने वाले कुछ पुलिसकर्मियों ने पहचान सुरक्षित रखने की शर्त पर बातचीत में स्वीकार किया है कि “सरकार और आला अधिकारी उनसे पाप करवा रही है।" एक पुलिसकर्मी ने कहा कि “बड़े-बड़े अधिकारी और नेता तो अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए विदेश भेज देते हैं या बड़ी-बड़ी प्राइवेट यूनीवर्सिटी में भेज देते...