दुष्कर्म, बलात्कार, रेप , चिरहरण और ना जाने कितने नाम. बलात्कार सिर्फ शरीर के साथ नहीं किया जाता है ये आत्मा को तार- तार कर देने के बराबर है. मरी हुई आत्मा के साथ एक जीते-जागते कंकाल को देखने का दुख पूछो उस परिवार से जो ना मरते मरे हैं, और ना जीते जी सकते हैं. अपने अंदर की हवस को मिटाने के लिए इंसान जानवर बन गया है और चंद घंटों की प्यास बुझाने का मूल्य वो किसी की आत्मा की हत्या कर वसूलता है. यह भी पढ़े- सरकारी कंपनियों केे निजी हाथों में जाने से नौकरियों के साथ OBC-SC का आरक्षण भी खत्म हो जाएगा? खैर अब ऐसी वारदातें आम है. हर गली, मोहल्ले और नुक्कड़ की यही कहानी है. हाल ही में एक मुद्दा बहुत सुर्खियों में बना रहा. हाथरस केस जहां 19 साल की दलित लड़की के साथ 4 लड़कों ने सामूहिक दुष्कर्म किया, जीभ काटी और कमर तोड़ दी. 14 दिन बाद पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में आखिरी सांस ली. जिसके बाद यूपी पुलिस का जो घिनौना चेहरा लोगों के सामने आया, उसकी किसी ने कल्पना भी न की होगी. लेकिन 14 दिन तक लोगों के रंगों में सजी ये दुनिया, अपनी रफ्तार में चलती रही, मामले के लाइमलाइट मे...