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Showing posts from January 28, 2021

किसान आंदोलन - हिंसा तो पहले दिन से हो रही है, एक्शन क्यों नहीं लेती सरकार?

  हिंसा केवल लाठी भांजना, गोली चलाना नहीं होती। अपने अधिकारों का ग़लत प्रयोग करके दूसरों के अधिकारों का हनन भी हिंसा है। संस्थाओं के ज़रिए संविधान सम्मत संघर्ष की ग़लत छवि पेश करना भी हिंसा है। अपने ही देश के नागरिकों को कभी खालिस्तानी, कभी पाकिस्तानी, कभी गद्दार बता देना और आम लोगों के बीच इस राय को फैलाने की कोशिश भी हिंसा है।   लगभग 5 महीनों (2 महीनों से दिल्ली की सीमाओं में) से चल रहे आंदोलन की मांगों को लेकर अहंकारपूर्ण मौन भी हिंसा है। इन हिंसाओं पर तो कोई बात कर है नहीं रहा। चलिए उस हिंसा की बात करते हैं, जिसकी सब कर रहे हैं। पुलिस को धकियाया गया।   बैरिकेड्स तोड़े गए । तलवारें लहराईं गईं।   लाल क़िले पर जबरन कोई झंडा फहराया गया । ये सब हिंसा है और जो इसे हिंसा नहीं मानता वो ग़लत है। अब ये समझिए कि जब इतनी सारी हिंसा हुई, तो अगला कदम क्या होना चाहिए। पहचान करना कि हिंसा किसने की और क्यों की? जिनकी बात कोई नहीं कर रहा, वो हिंसा सरकार ने की और इसलिए की ताकि चन्द पूंजीपतियों को फ़ायदा पहुंचे। कानून पास करने का समय, तरीक़ा और बाद में आंदोलन के प्रति भाव ये मानने पर मजबूर करते हैं।  

लाल किले पर खालसा का झंडा फहराने वाला दीप सिद्धू भाजपाई? 24 घंटे बाद भी गिरफ्तारी क्यों नहीं?

  पूरा देश 26 जनवरी को जब 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा था तब करीब 10 लाख किसान 3 लाख ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में परेड कर रहे थे। दोपहर तक सबकुछ बढ़िया चला लेकिन अचानक स्थिति बदली और आंदोलन में किसानों व पुलिसकर्मियों के बीच झड़प शुरु हो गयी। ये सब हो ही रहा था तभी एक कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। प्रदर्शन में शामिल दीप सिद्धू ने   लाल किले की प्रचीर पर खालसा का झंडा फहरा दिया । ये एक ऐसी घटना थी जिसने गोदी मीडिया को मौका दे दिया और उसने पूरे आंदोलन को हिंसक बताने में लग गई, अपने घिनौने मंसूबों में वह कामयाब भी हो रही है। खैर बड़ा सवाल ये है कि ये   दीप सिद्धू है कौन ?  एक लाइन में कहूं तो ये भाजपा कार्यकर्ता है। जो   2019 के लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड अभिनेता सन्नी देओल   के लिए प्रचार किया करता था। सन्नी देओल के लिए रैलियों में जनता को संबोधित करता और उनसे भाजपा को वोट देने की अपील करता। जैसे ही लाल किले पर खालसा का झंडा लगाने की खबर आई सन्नी देओल ने ट्वीट करके सफाई दी कि उनका और उनके परिवार का दीप सिद्धू से कोई संबंध नहीं है। ये अजब बात है