पहले बिना मांगे कानून बनाया अब बिना मांगे कमेटी बना दी, क्या सरकार व सुप्रीम कोर्ट किसानों का भला चाहते हैं?
11 जनवरी को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने के साथ साथ एक कमेटी का गठन कर दिया है, ये कमेटी सरकार और किसानों के बीच जारी विवाद को समझेगी और अगले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस कमेटी में कौन लोग है इसके बारे में हम आपको बाद में बताएंगे, पहले कुछ सवाल जो इस फैसले की मंशा पर सवाल खड़े करते हैं। 11 जनवरी को जब पहली बार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो चीफ जस्टिस अरविंद बोबड़े ने सरकार से कहा था कि आंदोलन को लेकर आपका रवैया गलत है, अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो हमें कुछ करना होगा। असल में यही सबसे बड़ा पेच फंस गया, 11 जनवरी की शाम को किसानों ने प्रेस रिलीज जारी करके अपना मत स्पष्ट कर दिया। किसानों ने कहा- हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं कि उन्होंने किसानों की समस्या को संज्ञान लिया। लेकिन किसानों ने ये भी कहा, कि हमारी लड़ाई सरकार से है, हम किसी तरह की मध्यस्थता नहीं चाहते , मतलब किसान सुप्रीम कोर्ट से किसी त...