Author :- RAJESH SAHU उत्तर प्रदेश की राजनीति कभी भी एकतरफा नहीं चली। जब भी किसी पार्टी ने चुनाव जीता अगली बार वह सत्ता पाने के लिए संघर्ष करती नजर आई। लेकिन वर्तमान स्थिति पुराने इतिहास से अलग नजर आती है। भाजपा ने पिछला विधानसभा चुनाव प्रचंड बहुमत से जीता और आने वाले चुनाव में भी वह अभी तक सारी पार्टियों से आगे नजर आती है। इसकी सबसे बड़ी वजह कुछ और नहीं बल्कि विपक्ष की सुस्ती है। 15 जनवरी को मायावती 65 साल की हो गई। इसलिए ऐसा माना जा रहा कि 2022 यूपी विधानसभा उनके जीवन का आखिरी चुनाव होगा। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर तीन दशक से राजनीति में सक्रिय 4 बार की मुख्यमंत्री मायावती ने अपना विकल्प क्यों तैयार नहीं किया? यह भी पढ़ें: अखिलेश यादव: जिसे मील का पत्थर समझा गया वह राजनीति के 'ब्रेकर' पर आकर बिखर गए कांशीराम जी ने 1981 में एक संगठन बनाया, जिसका नाम रखा DS4, इसका नारा उन्होंने दिया 'ब्राह्मण, ठाकुर बनिया छोड़, बाकी सब हैं DS4'. यही DS4 अगले तीन साल बाद यानी 1984 में बहुजन समाज पार्टी में बदल गया। 1989 में बसपा ने यूपी विधानसभ...