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Showing posts from October 5, 2020

हिसुआ सीट कांग्रेस के खाते में, संभावित उम्मीदवार डॉ. जनार्दन को लेकर कार्यकर्ता उत्साहित

  हिसुआ विधानसभा सीट पर भाजपा पिछले 15 सालों से कब्जा की हुई है. कांग्रेस पार्टी इस सूखे को खत्म करने पर पूरा जोर लगा रही है. महागठबंधन ने आज सीटों के बंटवारे का ऐलान किया है जिसमें यह तय किया गया है कि हिसुआ से कांग्रेस प्रत्याशी ही उतारा जाएगा.   हिसुआ सीट कांग्रेस के खाते में आते ही स्थानीय कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं. स्थानीय कार्यकर्ता चुनचुन सिंह का कहना है कि पिछले   15 सालों से भाजपा के अनिल सिंह   ने बस जनता को सिर्फ धोखा ही दिया है. विकास-विकास का दावा करने वाले अनिल सिंह का इस बार सफाया होगा.   स्थानीय कार्यकर्ता पंकज सिंह का कहना है कि   डॉ. जनार्दन सिंह   पेशे से एक डॉक्टर रहे हैं. वे दिल्ली के प्रतिष्ठित अस्पताल में सेवा दिए हैं. ऐसे में हिसुआ की जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था का इलाज सिर्फ डॉक्टर जनार्दन सिंह ही कर सकेंगे. उन्हें कांग्रेस से टिकट मिले तो जीत तय है. मौजूदा विधायक से युवा, किसान और मजदूर सब परेशान हैं. अब हमें बदलाव चाहिए.   65 साल के बुजुर्ग कार्यकर्ता रामसेवक यादव का कहना है कि कांग्रेस इस क्षेत्र में फिर से आ सकती है, बशर्ते यहां एक ऐसा उम्मीदवार चाहिए जो लो

ट्वीट कर देने से मोदी, गांधी प्रशंसक नहीं बन जाएँगे, क्यों?

  बापू के आदर्श समृद्ध भारत के निर्माण में हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। - प्रधानमंत्री मोदी का ये ट्वीट पढ़ने में बहुत सुखकारी है। इस देश की नींव में बापू के आदर्श हैं। देश के प्रधानमंत्री का नींव से जुड़ाव ज़रूरी भी है और सुखद भी। लेकिन एक सच्चाई है कि बेशक आप कुछ भी कहें, कुछ भी लिखें, लोग आपको आपकी करनी से ही पहचानेंगे। इसीलिए बापू ने कहा था - मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।   बापू के जीवन के तमाम उद्धरणों को रखने की जगह उनका जंतर रखा जा सकता है। गांधी जी का जंतर कुछ यूँ है - ‘‘मैं तुम्हे एक जंतर देता हूं। जब भी तुम्हे संदेह हो या तुम्हारा अहम तुम पर हावी होने लगे तो यह कसौटी अपनाओ, जो सबसे   गरीब और कमजोर आदमी   तुमने देखा हो, उसकी शक्ल याद करो और अपने दिल से पूछो कि जो कदम उठाने का तुम विचार कर रहे हो, वह उस आदमी के लिए कितना उपयोगी होगा, क्या उससे उसे कुछ लाभ पहुंचेगा? क्या उससे वह अपने ही जीवन और भाग्य पर काबू रख सकेगा? यानी क्या उससे उन करोड़ों लोगों को स्वराज मिल सकेगा, जिनके पेट भूखे हैं और आत्मा अतृप्त... तब तुम देखोगे कि तुम्हारा संदेह मिट रहा है और अहम समाप्त होता जा रहा है।’