देखिए सर हम लोग मुखिया जी के कहने पर पिछली बार कमल के फूल वाले अनिल बाबू को वोट दे दिए थे लेकिन पिछला पांच साल में वह इधर आए ही नहीं। पड़ोस वाले गांव में वह अपने जाति वाले लोगों के घर बच्चों के मुंडन में भी आ जाते हैं लेकिन इधर नहीं आते। क्या हम लोग इंसान नहीं है? क्या हम लोगों के भोटो (वोट) की भैल्यू (वैल्यू) नही हैं? यहां नेता लोग हम लोगों को बार बार ठग लेता है। ये बाते नवादा जिले के हिसुआ विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अकबरपुर प्रखंड के तेलभद्रो गांव के सजीवन रजवार ने कही। वहां मौजूद कई और लोगों ने भी सजीवन की बातों में हां में हां मिलाई। इन सभी की शिकायत सिर्फ विधायक अनिल सिंह के न आने से नहीं है बल्कि गांव की खस्ताहाल सड़क, अस्पताल व स्कूल को लेकर भी है। कहते हैं कि अनिल जी बाते बड़ी-बड़ी करते हैं काम सिर्फ अपने वर्ग के लोगों का करवाते हैं। बिहार की पूरी राजनीति में जाति का फैक्टर सबसे अधिक महत्वपूर्ण रहा है। नवादा जिले की बड़ी संख्या भूमिहार वर्ग से है। जिले की हिसुआ सीट में अकेले 1 लाख 10 हजार से अधिक भूमिहार वोटर हैं। इसीलिए यहां पिछले 50 साल में भूमिहार ...