गूंगा पहलवान को समान अधिकार दिलाने, युवाओं को जागृत करेंगे रुषि वेंकारिया
गूंगा पहलवान के नाम से मशहूर मूक और बधिर रेसलर वीरेंद्र सिंह के संघर्ष को देख हिंदूवादी नेता रुषि वेंकारिया ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वे बहरी हो चुकी सरकार के कानों तक एक गूंगे पहलवान की आवाज़ को पहूंचाकर रहेंगे. रुषि वेंकारिया ने बताया कि दूसरे आम खिलाड़ियों के मुकाबले मूक और बधिर खिलाड़ियों की सुविधाओं में सरकार की ओर से कितनी लापरवाही की जा रही है. इस गंभीर मुद्दे को सरकार की नज़रों में लाने के लिए रुषि सभी आम जन का साथ चाहते है.
दरअसल, पहलवान वीरेंद्र सिंह सभी मूक खिलाड़ियों के हक की आवाज़ उठा रहे हैं. वीरेंद्र की मांग है कि सरकार विकलांग खिलाड़ियों को वह सभी सुख-सुविधा मुहैया कराए जो वह बाकी आम खिलाड़ियों को देती है.
इसी मांग के चलते वीरेंद्र सिंह ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को एक पत्र भी लिखा है. इस पत्र के ज़रिए उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से सरकार से अपनी मांगो को पूरा करने की पेशकश की है. पत्र में वीरेंद्र ने कुल चार मांगें रखी हैं. उनकी पहली मांग यह है कि सभी खिलाड़ियों की तरह मूक और बधिर खिलाड़ियों को भी सरकार की ओर से कैश अवार्ड दिया जाना चाहिए. इसी के साथ उन्होंने, अर्जुन अवार्ड और राजीव खेल रत्न अवार्ड के लिए मूक और बधिर खिलाड़ियों की योग्यता को अहमियत देने की मांग रखी है.वीरेंद्र की मांग है कि बधिर खिलाड़ियों को भी TOPS स्पोर्ट स्कीम की सूची में शामिल किया जाना चाहिए. वहीं उनकी आखिरी मांग है कि मूक और बधिर खिलाड़ियों को Olympics Pension Yojna में शामिल किया जाना चाहिए.
बता दें कि अर्जुन अवार्ड विजयी पहलवान वीरेंद्र सिंह में रुषि वेंकारिया जैसे गंभीर नेता का साथ मिलने के बाद अपनी मांगो के पूरा होने की उम्मीद बढ़ गई है.
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