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Coronavirus - a disease, thousands of deaths, growing worries, frightened people

कोरोना वायरस से देश में बढ़ रहा खतरा: 
कोरोनावायरस (COVID-19 ), दुनिया के 180 से ज्यादा देशों के लोग इससे प्रभावित है, लाखों लोगों को यह अपनी चपेट में ले चुका है, हजारों लोग इस बीमारी से अपनी जान गँवा चुके है। WHO (World Health Organisation) इस वायरस को महामारी घोषित कर चुका है। चीन, इटली, स्पेन, ईरान, जर्मनी, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, UK जैसे कई विकसित देश इस बीमारी के आगे घुटने टेक चुके है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या हजारों में है। 
 
हालांकि इन सभी देशों ने इस वायरस को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये थे और कर भी रहे है, लेकिन हालात अब बिगड़ चुके है। अगर भारत की बात की जाए तो यहां भी इस वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 700 के पार हो चला है और 14 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि यह नंबर बाकी देशों की तुलना में काफी कम है लेकिन ख़तरा गंभीर ही है। इसके रोकथाम के लिए सरकार अपने स्तर पर प्रयास करती दिख रही है। 

इन हालात में क्या सही है और क्या गलत:
सबसे पहले तो हमें यह समझने की जरूरत है कि जो फैसले सरकार ले रही है वो हमारी भलाई के लिए ले रही है। हमें किसी भी अफ़वाह का शिकार नहीं होना है। कुछ अनावश्यक तत्व जिनमे इंसानियत नाम की कोई चीज़ नहीं है इस नाज़ुक हालत में भी अफवाह फैलाने में लगे है जो इस हालात के हिसाब से बिलकुल गलत है. हम सभी को इससे बचने की जरूरत है और बाकी लोगो को भी समझाने की जरूरत है की ऐसी अफवाहों में ना आएं। ऐसे हालात में हमें सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। इस वायरस के बढते खतरे को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो बार देश को संबोधित कर चुके है और दोनों बार उन्होंने लोगों से आग्रह किया है की सभी घर में रहे। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम सरकार का साथ दे और खुद भी घर में रहे और लोगों को भी जागरूक करें कि वो भी अपने परिवार के साथ घरों में सुरक्षित रहें। हम सब मिलकर ही महामारी से लड़ सकते है। let's do it together... 
 
सरकार द्वारा किए लॉकडाउन का हो अनुसरण: 
भारत सरकार द्वारा 21 दिन के लिए देश को लॉक-डाउन किया गया है। लेकिन चिंता का विषय यह है कि हमारे देश की जनता इस लॉक-डाउन का पालन अच्छे से नहीं कर रही है। देश वासियों द्वारा  लॉक-डाउन के नियमों को लगातार तोडा जा रहा है। कुछ लोग इसे मजाक में लिए हुए हैं। उन्हें बिल्कुल अंदेशा नहीं है कि उनके कृत्य समाज और आसपास के लोगों के लिए कितने ख़तरनाक साबित हो सकते हैं। इस बात की वकालत नहीं की जा सकती है कि सिर्फ लॉकडाउन ही इस बीमारी का इलाज़ है लेकिन मौजूदा हालात के मद्देनजर लॉक-डाउन के अलावा कोई कारगर विकल्प नहीं है। लॉकडाउन का पालन करके हम COVID-19 को आगे बढ़ने से रोक सकते हैं। इस समय तथाकथित देशभक्त अपने कर्तव्य से पीछे भाग रहे हैं जो 15 अगस्त, 26 जनवरी समेत कई अन्य मौकों पर झंडा लेकर देशभक्ति की बाते करते हैं । शायद जिंदगी में पहली बार ऐसा मौका आया है कि हम घरों में बैठ कर देश सेवा कर सकते है,  इस महामारी को फैलने से रोक सकते है और हजारों जान बचा सकते है। इस समय घर पर रहना ही सबसे बड़ी देश-भक्ति है।
 
हौसला रखें ये वक्त भी गुजर जाएगा...
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