
कोरोना महामारी के बीच 16 जनवरी 2021 का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक रहा। पूरे देश में एक साथ वैक्सीनेशन का काम शुरु हुआ। हर राज्यों के लगभग हर जिलों में बूथ बनाए गए जहां लोगों को महामारी से बचाव हेतु टिका लगाया गया। भारत ने दो वैक्सीन को आपतकालीन मंजूरी दी है। पहली ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनका की बनी कोविशील्ड और दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन। कोविशील्ड भी देश के भीतर पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में बनी। कोविशील्ड को लेकर तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कोवैक्सीन को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।
शनिवार को जब टिकाकरण की शुरुआत हुई तो दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कोवैक्सीन का टीका लगवाने से मना कर दिया। अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने मेडिकल सुपरिटेंडेंट को एक चिट्ठी लिखी है उसमें उन्होंने लिखा-
'हमें पता चला है कि भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन को कोविशील्ड पर प्राथमिकता दी जा रही है, हम आपकी जानकारी में लाना चाहते हैं कि रेजिडेंट डॉक्टर्स भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के अधूरे ट्रायल को लेकर सशंकित हैं, मुमकिन है कि वे वैक्सीनेशन ड्राइव में बढ़-चढ़कर हिस्सा न लें। इससे वैक्सीन का मकसद भी अधूरा रह जाएगा। इसलिए विनती है कि कोविशील्ड से वैक्सीनेट करें, जो की सभी ट्रायल पूरा करके तैयार की गई है।'
इस चिट्ठी के बाद तमाम हलचल शुरु हो गई। कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने भी वैक्सीन पर सवाल उठाते हुए कहा-
'कोवैक्सीन के सुरक्षित और प्रभावी होने पर तमाम दुविधा है, सरकार ने किसी के सामने वैक्सीन चुनने की सुविधा नहीं दी है। ये जानकारी या रजामंदी के खिलाफ है, अगर वैक्सीन इतनी ही सुरक्षित और प्रभावी है तो फिर वैक्सीन लगवाने के लिए सरकार की तरफ से कोई वैक्सीन लगवाने के लिए आगे क्यों नहीं आ रहा है?'
मनीष तिवारी का सवाल जायज भी है क्योंकि दुनिया के तमाम देशों में राष्ट्रप्रमुखों ने ही सबसे पहले वैक्सीन का डोज लेकर देश के लोगों में भरोसा भरा।
दिल्ली एम्स के प्रमुख रणदीप गुलेरिया ने आज कोरोना का टीका जरूर लगवाया लेकिन उन्होंने भी पिछले दिनों कौवैक्सीन को बैकअप वैक्सीन बता दिया था, गुलेरिया के बयान पर भारत बायोटेक ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। शनिवार को गुलेरिया ने वैक्सीन लगवाने के बाद मीडिया से बात कही और कहा कि किसी को भी वैक्सीन से घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि उन्होंने कोवैक्सीन लगवाई है या फिर कोविशील्ड।
फिलहाल कोरोना से जूझ रहे देश में वैक्सीन किसी संजीवनी से कम नहीं है। जिंदगी और मौत के बीच वैक्सीन एक विकल्प बनकर सामने आई है। हालांकि इसके सुरक्षित होने पर अभी सवाल जारी है। उम्मीद है कि वैक्सीन सुरक्षित निकले। क्योंकि कोरोना ने हर स्तर पर देश को व देश की जनता को चोट कर चुका है।
यह भी पढ़ें - पाकिस्तान द्वारा Balakot Airstrike में 300 लोगों के मरने की बात कबूलने की न्यूज निकली फेक, अब माफी मांगने में जुटी गोदी मीडिया
source link: https://www.molitics.in/article/772/ram-manohar-lohia-hospital-doctors-refuse-taking-the-shots-of-covaxin
Comments
Post a Comment