
बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं की लिस्ट इस देश में सबसे लंबी हो चुकी है। कोई भी ऐसा राज्य नहीं है जहां के युवा अपनी सरकार से खुश हों। कई राज्यों में सरकार ने भर्ती निकाली, अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। रिजल्ट जारी हुआ और तमाम युवा सफल हुए। लेकिन एक लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई। ऐसे ही एक मामला भाजपाशासित मध्य प्रदेश का है.
साल 2018 में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की कुल 30 हजार 594 भर्ती निकाली गई। परीक्षा 2018 में ही होनी थी लेकिन विधानसभा चुनाव के कारण ये परीक्षा 2019 में हुई। परीक्षा का परिणाम जब आया तो राज्य में लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लग गई जिसकी वजह से परिणाम थोड़ा लेट आया। परिणाम आने के बाद आम तौर पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी जाती है लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ.
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सफल छात्रों को लंबे वक्त तक लटकाए रखा गया। 2018 में शुरु हुई भर्ती 2021 आ जाने तक भी नहीं पूरी नहीं हो सकी है. नतीजा ये रहा की अभ्यर्थी हर दिन नेता मंत्री को ज्ञापन देने से लेकर ट्वीटर पर ट्रेंड करवाते रहते हैं लेकिन उनकी पुकार को अनसुना कर दिया जा रहा है। ध्यान रहे ये संघर्ष सिर्फ सोशल मीडिया तक ही सीमित नहीं है, अभ्यर्थी अब तक करीब 45 आंदोलन कर चुके हैं। इतने आंदोलन से तो आम तौर पर सरकारे गिर जाती हैं लेकिन बात जब विद्यार्थियों की आती है तो सरकार ही खेल करना शुरु कर देती है।
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ये भर्ती निकली शिवराज सरकार में, परीक्षा हुई कमलनाथ की सरकार में, परिणाम आए शिवराज की सरकार में. नई, पुरानी और अलग सरकारों के बीच से गुजरने के बाद भी ये भर्ती अभी तक पूरी नहीं हो सकी हैं। सफल विद्यार्थी परेशान हैं, उनकी बातों को सरकार नहीं सुन रही है.
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जून 2020 में दोबारा सत्यापन की प्रक्रिया शुरु हुई, अभ्यर्थियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत थी लेकिन अचानक परिवहन साधन न होने का एक बचकाना सा बहाना बनाकर सत्यापन के काम को रोक दिया गया। इसके बाद तो सरकार ने इसकी चर्चा ही बंद कर दी। कुछ अधिकारी दबी जुबान से कहते हैं कि नियमों में बदलाव करके दोबारा से सत्यापन का काम शुरु करेंगे। अब सवाल है कि जो नया नियम लगाएंगे क्या वह अभ्यर्थियों के हित में होगा या नहीं. जब परीक्षा पुराने नियम पर हुई तो नए नियम से भर्ती करने का क्या औचित्य।
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इस मामले को लेकर कांग्रेस भी लगातार मुखर रही है, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार से जल्द नियुक्ति देने की अपील की। कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल पर भी इस भर्ती के पूरे करने की अपील लगातार की जाती रही है। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा ने तो शिवराज सिंह से भी इस मामले को लेकर बात की लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला। चुनाव के वक्त बड़े बड़े वादे करके सत्ता हासिल करने वाली पार्टियां चुनाव के बाद कैसे पलट जाती हैं इसका जीता जागता उदाहरण शिवराज सरकार है। उम्मीद करते हैं कि जल्द से जल्द शिक्षक भर्ती पूरी हो।
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